प्याज की आसमान छूती कीमतों के बाद इस साल अप्रैल में महाराष्ट्र की मंडियों में इसके दाम में तेज गिरावट की आशंका है जिसे देखते हुए राज्य में एक हजार टन प्याज के भंडारण की व्यवस्था की जा रही है। राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ के अतिरिक्त प्रबंध निदेशक सुनिल कुमार सिंह ने बताया कि इस साल अप्रैल में महाराष्ट्र की मंडियों में प्याज के दाम पिछले तीन साल की औसत न्यूनतम कीमत से भी कम रहने की आशंका है। इसे देखते हुए 25 भंडारण इकाइयां तैयार की जा रही हैं जिनकी क्षमता 1,000 टन होगी। सिंह ने बताया कि ये भंडारण इकाइयां किसानों के खेतों में ही तैयार की जाएगी जिसके लिए किसानों को किराया दिया जाएगा। इससे एक तरफ किसानों को बेहद कम कीमत पर अपनी उपज बेचने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा तो दूसरी तरफ उन्हें भंडारण इकाई के लिए अपने खेत का इस्तेमाल करने देने के बदले किराया भी मिलेगा। देश में प्याज की पांच सबसे बड़ी मंडियों में से तीन लासलगांव, पिंपलगांव और सोलापुर महाराष्ट्र में हैं। इनके अलावा गुजरात में महुवा मंडी और कर्नाटक में हुबली अन्य दो प्रमुख मंडियां हैं।