देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर-दिसंबर के दौरान 4.5 प्रतिशत पर स्थिर रहने का अनुमान है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों ने आधिकारिक आंकड़े आने से दो दिन पहले बुधवार को यह अनुमान जताया। उनका यह भी कहना है कि देश के समक्ष आर्थिक रूप से कोरोना वायरस से प्रभावित होने का जोखिम है। इसका कारण विभिन्न वस्तुओं के लिए चीनी आयात पर उच्च निर्भरता है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने 2019-20 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है जो 11 साल का न्यूनतम स्तर है। इसका मुख्य कारण घरेलू खपत में गिरावट और वैश्विक बाजारों में नरमी है जिसका असर देश के निर्यात पर पड़ा है। आर्थिक वृद्धि में नरमी को देखते हुए नीति निर्माताओं ने कई कदम उठाए हैं। इसमें 2019 में रिजर्व बैंक द्वारा संचयी रूप से नीतिगत दर में 1.35 प्रतिशत की कटौती और कंपनी कर में उल्लेखनीय कमी शामिल हैं।
Nishpaksh Mat
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