पंजाब एग्रो फूड कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएएफसीएल) पंजाब स्टेट वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन (पीएसडब्ल्यूसी) के कुप्रबंधन और लापरवाही के चलते पिछले चार सालों में 607 करोड़ का गेहूं सड़ गया है। यह खुलासा पंजाब विधानसभा में पेश नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट (कैग) में किया गया है। सड़ा हुआ गेहूं 1.36 करोड़ लाभार्थियों को आटा-दाल योजना के तहत खिलाने के लिए पर्याप्त था। गेहूं सड़ने के बाद इसे नीलाम कर दिया जाता है। ज्यादातर सड़े हुए गेहूं को शराब और बीयर बनाने वाली कंपनियां खरीद लेती हैं। इसलिए यहां कहना उचित होगा कि सवा करोड़ से ज्यादा गरीबों के निवाले अमीरों के प्यालों की शान बनेंगे। यहां यह बताना भी लाजमी है कि सूबे में जहां पर करोड़ों रुपए का गेहूं गोदामों में सड़ रहा है वहीं बाजारों में आटा 26 से 30 रुपए किलो बिक रहा है।