पारम्परिक कलाओं के उत्सव 'लोकरंग' में रविन्द्र भवन के मुक्ताकाश मंच और परिसर में सजे शिल्प बाजार कला प्रेमियों को लम्बे समय तक याद रहेंगे।
लोकरंग में इस वर्ष उल्लेखनीय बात यह रही कि इस बहुरंगी उत्सव को वापस मिला रविन्द्र भवन परिसर और मुक्ताकाश मंच। कुछ साल तक भेल दशहरा मैदान में यह उत्सव होने से नये और पुराने भोपाल शहर के लोग अधिक दूरी के कारण इसका आनन्द लेने में असुविधा महसूस कर रहे थे। राज्य सरकार ने उत्सव के पुराने गरिमामय स्वरूप को लौटाने की पहल की। इस बार विभिन्न राज्यों और अन्य देशों से पधारे कला धर्मियों ने उत्सव की हर शाम को खास बना दिया।