राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने कहा है कि आज गाँधी जी हमारे बीच सशरीर भले ही नहीं हों, परन्तु उनके विचार सदैव हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे। गाँधी जी ने मानवता का व्यवहारिक पक्ष अपने आचरण से स्थापित किया। उनकी मान्यता थी कि विभिन्नताएँ बाहरी तत्व हैं, मूलत: हम सब एक है। भेद-भाव करना अमानवीयता है। उनके इस चिंतन से समाज में बड़ा परिवर्तन आया। राज्यपाल श्री टंडन गाँधी जी की 72वीं पुण्य-तिथि पर गाँधी भवन में आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना सभा को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर राज्यपाल ने गाँधी भवन न्यास द्वारा प्रकाशित गाँधी जी पर केन्द्रित कैलेन्डर का विमोचन किया।
राज्यपाल ने कहा कि बीते 150 वर्षों में कई लोग हुए, जिन्होंने देश और समाज के लिये बड़े-बड़े काम किये परन्तु गाँधी जी एक ऐसा व्यक्तित्व है, जिन्हें हम आज भी याद कर रहे है, उनकी धरोहरों को सम्हाल रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि हम अपने जीवन में शांति चाहते हैं। शांति गाँधी जी के विचारों पर चलने से ही प्राप्त होगी। उनके प्रिय भजन सुनते हुए हम अपने दुख-दर्द भूल जाते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग ईश्वर को नहीं मानते, तो गाँधी को भी नहीं मानते होंगे परन्तु गाँधी जी हम सबके बीच सम्मानीय थे, हैं और सदैव रहेंगे।