चेन्नई
ऑल इंडिया बैंक एम्पलॉइज असोसिएशन (एआईबीईए) के एक शीर्ष नेता ने कहा कि देश में बैंकिंग कामकाज काफी हद तक प्रभावित है, क्योंकि बैंककर्मी वेतन वृद्धि सहित अन्य कई मांगों को लेकर दो दिवसीय हड़ताल पर हैं। एआईबीईए के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने कहा, मुंबई, चेन्नै और दिल्ली में लगभग 23,000 करोड़ रुपये के करीब 31 लाख चेक हड़ताल के कारण क्लियर नहीं किए जा सके हैं। अधिकांश बैंक शाखाएं बंद रहीं। नकद जमा या निकासी नहीं की जा सकी।
बैंकिंग क्षेत्र में नौ यूनियनों के निकाय यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने 31 जनवरी और एक फरवरी को हड़ताल का आह्वान कर रखा है। वेंकटचलम ने कहा, जो रिपोर्ट अभी तक हमारे पास पहुंची है। उसके अनुसार, देशभर में मुख्य रूप से तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, केरल, बिहार आदि राज्य बहुत प्रभावित हुए हैं। बैंकरों ने उस दो दिनों में हड़ताल बुलाई है, जब आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अपना दूसरा बजट पेश करेंगी।
वेंकटचलम ने कहा कि नवंबर 2017 से बैंकों में वेतन संशोधन की प्रक्रिया (वेजेज रिवीजन सेटलमेंट) अधूरी है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में आखिरी प्रक्रिया अक्टूबर 2017 में खत्म हुई थी। उन्होंने बताया कि 30 जनवरी को मुंबई में प्रबंधन और बैंक यूनियनों के बीच आयोजित बैठक में अंतिम मिनट पर भी चर्चा की गई थी, मगर इसमें उनके मुद्दों को नहीं उठाया गया। इसलिए यूनियनों ने 31 जनवरी और एक फरवरी को दो दिन की हड़ताल के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया। शुक्रवार व शनिवार को हड़ताल के बाद रविवार को भी बैंकों की छुट्टी रहेगी, जिससे आम लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा।
Nishpaksh Mat
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