उदयपुर,(G.N.S)। उदयपुर में ऐसा शायद पहली बार हुआ होगा जब किसी सरकारी संस्था के 300 से अधिक कर्मचारी-अधिकारियों ने एक साथ स्वैच्छिक सेवानिवृति ली हो।
भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के उदयपुर में बीएसएनएल के 301 अधिकारी-कर्मचारियों ने शुक्रवार को एक साथ स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली। अधिकारियों के अनुसार इस वीआरएस स्कीम के तहत प्रदेश के 5 हजार और देशभर में करीब 70 हजार से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों ने एक साथ 31 जनवरी को स्वैच्छिक सेवानिवृति ली है। अब बीएसएनएल को ठेका पर चलाने की तैयारी की जा रही है। इसकी विभिन्न स्कीमों के लिए अब टेंडर किए जाएंगे।
शुक्रवार को उदयपुर हिरणमगरी स्थित विद्या निकेतन स्कूल में सभी 301 अधिकारी-कर्मचारियों को एक साथ अभिनंदन पत्र देकर भाव-भीनी विदाई दी गयी। सेवानिवृति ले रहे अधिकारियों ने कहा कि यदि समय पर 4जी स्पेक्ट्रम बीएसएनएल को दे दिया होता तो शायद कुछ निजी कंपनियों को कुकुरमुत्तों की तरह फलने-फूलने का मौका ही नहीं मिलता और आज परिस्थितियां कुछ और होती।
इतने सारे अधिकारी-कर्मचारियों के एक साथ वीआरएस लेने के बाद अब निगम इसे ठेके के कर्मचारियों के भरोसे चलाने की तैयारी कर रही है। इससे बीएसएनएल का अब तक बचा हुआ भविष्य भी खतरे में दिखायी दे रहा है। बीएसएनएल के सिर्फ उदयपुर में ही डेढ़ लाख से ज्यादा और राजस्थान में 33 लाख से अधिक यूजर हैं। बीएसएनएल में एक साथ कर्मचारियों की आयी इस कमी के चलते लाखों यूजर्स को भारी परेषानी का सामना भी करना पड़ सकता है।