मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि सप्रे संग्रहालय वह ऐतिहासिक स्थान है, जिसने न केवल समाचार-पत्र जगत का इतिहास समेट रखा है बल्कि इसमें एक बेहतर पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित होने की सभी विशेषताएं मौजूद हैं। इसलिए इसे पर्यटन केन्द्र के रूप में भी विकसित किया जाना चाहिए। श्री कमल नाथ सुप्रसिद्ध राष्ट्रकवि स्वतंत्रता एवं संग्राम सेनानी पंडित माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा संपादित कर्मवीर पत्रिका के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित संगोष्ठी के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कर्मवीर के सौ साल 'संदर्भ ग्रंथ' का लोकार्पण किया। प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की पुण्य-तिथि पर उनके चित्र पर मार्ल्यापण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
महात्मा गाँधी, एक विचारधारा है
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संयोग है कि आज राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और राष्ट्र कवि पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की पुण्य-तिथि एक ही दिन है। उन्होंने कहा कि महात्मा गाँधी एक विचारधारा है, जो पूरी दुनिया को एक बेहतर राष्ट्र बनने और अपने नागरिकों को सुख-शांति का जीवन उपलब्ध करवाने का मार्ग बताती है। उन्होंने कहा कि सत्य, अहिंसा के रास्ते से उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी साम्राज्यवादी ताकत को भारत छोड़ने पर मजबूर किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रकवि माखनलाल जी ने अपनी पैनी कलम और राष्ट्रीयता से ओतप्रोत कविताओं के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम में एक नया जोश पैदा किया। वे हमारे प्रदेश की शान और गौरव थे।
शांति के दूत
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि एक ओर जहाँ महात्मा गाँधी ने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया, वहीं दूसरी ओर डॉ. अम्बेडकर ने एक समतावादी संविधान की रचना कर दुनिया को रास्ता दिखाया। मुख्यमंत्री ने अपनी अफ्रीका यात्रा का स्मरण करते हुए बताया कि वहाँ के एक देश के राष्ट्रपति से जब वे मिलने पहुँचे, तो उनके कक्ष में महात्मा गाँधी और डॉ. भीमराव अम्बेडकर बाबा साहेब की तस्वीर मैंने देखी। मैंने सोचा कि यह शायद मेरे मिलने के अवसर पर लगाई गई है, पर ऐसा नहीं था। उन्होंने राजनयिक कारणों से देश और राष्ट्रपति का नाम का उल्लेख न करते हुए बताया कि राष्ट्रपति जी ने बताया कि भारत के संविधान निर्माण में जो समतावादी नजरिया अपनाया गया, वही हमारे देश के संविधान का प्रेरणा स्त्रोत है। गाँधी जी का उल्लेख करके राष्ट्रपति ने बताया कि हमारे देश ने हिंसा से मुक्ति और शांति की स्थापना के लिए गाँधी जी के अहिंसा के मार्ग को अपनाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरे विश्व में जो चुनौतियाँ हैं, अशांति है, उसके लिए गाँधी मार्ग पर चलना सबसेबड़ी आवश्यकता है।
कुछ लोग चाहते है गाँधी जी को भूल जाएं
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि देश में कुछ ताकतें इस बात का प्रयास कर रही हैं कि लोग गाँधी जी और उनके विचारों को भूल जाएं। ऐसे प्रयास हमारी शांति और देश की एकता, अखंडता के लिए एक बड़ा खतरा है। इसका सभी लोगों को मिलकर मुकाबला करना है। ऐसे लोगों से सावधान रहना है और उनके कुत्सित प्रयासों को असफल करना है। यह हमारे देश के सुरक्षित भविष्य के लिए जरूरी है।