स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने आज यहाँ रविन्द्र भवन में अनुगूँज कार्यक्रम के पुन: प्रदर्शन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शासकीय स्कूलों के बच्चों में भी प्रतिभा होती है, आवश्यकता उन्हें सही अवसर, संसाधन एवं समुचित मार्गदर्शन देने की है। सही मार्गदर्शन मिलने पर ये बच्चे कला, खेल एवं अन्य क्षेत्रों में आगे आकर देश एवं प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। अनुगूँज की अभिनव पहल बच्चों के सर्वांगीण विकास में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि स्टीम के क्रियान्वयन की एक कड़ी के रूप में ही अनुगूँज को प्रारंभ किया गया है। किताबी ज्ञान से इतर बच्चों को कला, संगीत, गायन, वादन और नाट्य विधाओं में भी आगे बढ़ने के अवसर मिलने चाहिए। वर्तमान सरकार शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने एवं बच्चों को शिक्षा के अलावा उन्हें अन्य क्षेत्रों में भी आगे बढ़ाने के लिये हर संभव प्रयास कर रही है। प्रत्येक तीन माह में पालक-शिक्षक बैठक, उमंग मॉड्यूल, कक्षा-साथी एप, स्टीम कान्क्लेव, शिक्षकों का प्रशिक्षण एवं एक्सपोजर विजिट सहित कई नवाचार किये जा रहे हैं। साथ ही स्कूली शिक्षा के उपरान्त कैरियर काउन्सलिंग तथा किशोरावस्था से संबंधित शारीरिक/मानसिक समस्याओं के समाधान के लिये एम.पी.एस्पायर पोर्टल प्रारंभ किया गया है, जिसमें राज्य स्तर के साथ सभी विकासखण्डों में भी परामर्श केन्द्र स्थापित किए गए हैं। डॉ. चौधरी ने कहा कि नये सत्र से अनुगूँज जैसे कार्यक्रम प्रत्येक जिले में आयोजित करने की योजना है ताकि प्रदेश के सुदूर ग्रामीण अंचलों के बच्चों को भी अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर मिल सके।